9 साल की उम्र में अनाथालय भेज दी गई बेथ जल्द ही शतरंज के खेल को अपने अकेलेपन का साथी बना लेती है — और बच्चों को दी जाने वाली बेहोशी की हरी दवाओं को भी.
अचानक ही सबर्ब में उलझन भरी नई ज़िंदगी शुरू कर रही बेथ अपने हाई स्कूल के साथियों के तौर-तरीके समझना चाहती है और एक शतरंज के टूर्नामेंट में हिस्सा लेने का प्लान बनाती है.
सिनसिनाटी की ट्रिप के बाद, शुरू होता है बेथ और उसकी मां का एक शहर से दूसरे शहर का सफ़र और प्रेस कवरेज का सिलसिला. बेथ की नज़रें लास वेगस में होने वाले यू.एस. ओपन पर हैं.
रशियन क्लास उसे एक नई दुनिया से रूबरू कराती है. मेक्सिको सिटी में बेथ की मुलाकात रौबदार बोर्गोव से होती है और उसकी मां एक पेन फ़्रेंड के करीब आने लगती है.
केंटकी में वापस अपने घर पहुंचकर, दुखी बेथ एक पुराने प्रतिद्वंद्वी से मिलती है, जो उससे कहता है कि वह यू.एस. चैंपियनशिप से पहले उसके गेम को निखारने में मदद कर सकता है.
न्यू यॉर्क में बेनी के साथ ट्रेनिंग करके, बोर्गोव के साथ रीमैच के लिए बेथ पैरिस रवाना होती है. लेकिन एक मौज-मस्ती भरी रात उसे बर्बादी के रास्ते पर ले जाती है.
पुरानी दोस्त से मिलकर बेथ अतीत का सामना करने और यह सोचने पर मजबूर होती है कि उसके लिए क्या मायने रखता है — वह भी सही वक्त पर, यानी अपनी ज़िंदगी के सबसे बड़े मैच से पहले.